किसान आंदोलन को चील का मूत मांगने वाला आंदोलन बताकर विधायक देशराज ने जो बेइज्जत करने का काम किया उसका जवाब क्षेत्र की जनता 2022 का इंतजार करेगी।

किसान आंदोलन को चील का मूत मांगने वाला आंदोलन बताकर विधायक देशराज ने जो बेइज्जत करने का काम किया उसका जवाब क्षेत्र की जनता 2022 का इंतजार करेगी।

किसान आंदोलन को चील का मूत मांगने वाला आंदोलन बताकर विधायक देशराज ने जो बेइज्जत करने का काम किया उसका जवाब क्षेत्र की जनता 2022 का इंतजार करेगी।
रुड़की।
अनवर राणा।
*कितना भी संभालो फिसलता जरूर है,
ये वक़्त है साहेब ,बदलता जरूर है,,,*
बड़बोले झबरेड़ा विधायक देशराज कर्णवाल के द्वारा एक वीडियो में किसानों के प्रति अपशब्द कहने पर किसी के द्वारा उपरोक्त पंक्ति कहि गयी सच उजागर करने के लिये सही है,,,
किसान विरोधी काले कानूनों को वापिस लेने की किसानों की मांग को चील का मूत मांगने का विधायक झबरेड़ा देशराज कर्णवाल ने जो बचकाना व बेहूदा बयान देकर वाहवाही लूटने का प्रयास किया इसका जवाब आगामी 2022 विधान सभा चुनाव में झबरेड़ा क्षेत्र का किसान,मजदूर,नोजवान ,व्यापारी देने के लिये तैयार हो रहा है। वैसे तो झबरेड़ा क्षेत्र के भाजपा विधायक बड़बोले बयान देकर गाहेबगाहे जनता में हो रही अपनी किरकिरी व नाराजगी को दबाने के लिये इस तरह झूठी वाहवाही लेकर नेतृत्व का ध्यान आकृष्ट करने का प्रयास करता ही रहता है।लेकिन क्षेत्र की जनता इस नाटकबाज बड़बोले विधायक को अच्छी तरह समझ चुकी है ,ओर किसानों द्वारा लगातार दो माह से अधिक संवैधानिक विरोधी तीन काले कानूनों को वापस लाने के लिये किये जा रहे आंदोलन को चील का मूत मांगने वाला आंदोलन बताकर जो बेइज्जत करने का काम किया गया उसका जवाब क्षेत्र की जनता जरूर देने के लिये 2022 का इंतजार करेगी।

उत्तराखंड