क्यों कार्यपालक अधिकारी नियुक्त कर दरगाह की व्यवस्थाओं को चलाना चाहते है वक्फ बोर्ड मुख्यकार्यपालक अधिकारी,,,।

क्यों कार्यपालक अधिकारी नियुक्त कर दरगाह की व्यवस्थाओं को चलाना चाहते है वक्फ बोर्ड मुख्यकार्यपालक अधिकारी,,,।

क्यों कार्यपालक अधिकारी नियुक्त कर दरगाह की व्यवस्थाओं को चलाना चाहते है वक्फ बोर्ड मुख्यकार्यपालक अधिकारी,,,।

दरगाह की व्यवस्थाओं में 22/08/2017 हाइकोर्ट के अनुसार 87/2011जनहित याचिका में हुवे आदेश पर कोई अधिकार व्यवस्था को लेकर नही सीईओ वख्फ बोर्ड के अधीन,,,।
रुड़की/कलियर
अनवर राणा
पिरान कलियर में कर्मियों के द्वारा किये जा रहे दरगाह की वित्तीय हानि व भ्र्ष्टाचार पर शिकायत के मिलने के बावजूद सीईओ वख्फ के द्वारा कोई जांच व कार्यवाही नही अमल में लायी जा रही है,ओर न ही 2 साल से सीईओ के पद पर नियुक्ति पाये आईएएस अधिकारी अहमद इक़बाल के द्वारा दरगाह की लगातार शिकायतों के मद्देनजर कोई स्थल निरीक्षण नही किया गया जिससे दरगाह कार्यालय के भृष्टाचारी सुपरवाइजरों के हौंसले बुलंद है ओर हों भी क्यों न उनको हर कार्यवाही से बचाने के लिये वक्फ बोर्ड कार्यलय में स्वयम भृष्टार में डूबा वक्फ इंस्पेक्टर जो बैठा हुआ।सुना यह भी जा रहा है कि सांठगांठ कर वख्फ निरीक्षक भ्र्ष्टाचार में हटाये गये सुपरवाइजर की सैलरी के आदेश कराने मुख्य कार्य पालक को गुमराह करने में लगा हुआ है।जानकार बताते है कि सीईओ वक्फ बोर्ड किसी भी वख्फ का मुत्व्वली एवं प्रशासक तब तक नियुक्त नही कर सकता जब तक बोर्ड की बैठक में निर्णय न लिया जाये।वर्तमान समय मे बोर्ड भी गतिशील नही है ,शासन ने ने पूरे बोर्ड को भंग करने के नोटिस दिये हुवे है। 25 जून को सीईओ वख्फ की तरफ से एक पत्र अपर जिला अधिकारी हरिद्वार को कलियर में ईओ नियुक्त करने का प्रस्ताव चैयरमेन को भृमित कर हस्ताक्षर कराकर वख्फ कार्यालय के निरीक्षक का ही दिमाग काम कर रहा है।जबकि हाइकोर्ट के 22/08/2017के आदेश के बाद सीईओ व चैयरमेन को दरगाह कार्यालय की व्यवस्थाओं में कोई अधिकार नही है।रही बात अब तक के प्रबंधकों के कार्यकाल में हुवे भ्र्ष्टाचार व जांच की तो मैनेजर को न तो कोई भुगतान करने की पावर है न ठेका नीलम करने की पॉवर है न किसी कर्मी की नियुक्ति या हटाने की पावर है तो ऐसे में मैनेजर ने बिना अधिकारियों की मिलीभगत कैसे भृष्टार किया यह चर्चा भी लोगो मे है कि मैनेजर ने सच्चाई तो यह है कि अधिकारियों ने ही मैनेजरों से भ्र्ष्टाचार कराया है।यह भी जांच का विषय कि जब अब तक के सभी मैनेजर भृष्ट थे तो सीईओ,प्रशासक,जे एम (आर )ने उनके ऊपर आज तक क्यों कार्यवाही नही की है।

उत्तराखंड