अखिलेश के लिए सीट बंटवारा बड़ा सिरदर्द बन गया है,,,।

अखिलेश के लिए सीट बंटवारा बड़ा सिरदर्द बन गया है,,,।

 

अखिलेश के लिए सीट बंटवारा बड़ा सिरदर्द बन गया है,,,।

किसको कितनी सीटें मिलनी है,अभी तक इसका नही हो सका खुलासा ,,,।

लखनऊ

ब्यूरो

समाजवादी पार्टी का अभी तक तकरीबन आधा दर्जन दलों से गठबंधन हो चुका है। लेकिन किसको कितनी सीटें मिलनी है। अभी तक इसका खुलासा नहीं हो सका है। इसके साथ ही सपा मुखिया अखिलेश अपने चाचा शिवपाल को भी मिलाने की बात कर रहे हैं। चाचा भी अपने लोगों के लिए टिकट चाहेंगे। हाल में ही अभी चन्द्रशेखर की भी सपा से तालमेल करने की चर्चा तेज है। इसके अलावा दिल्ली की सत्तारूढ़ दल आम आदमी पार्टी भी आए दिन अखिलेश से मिलकर नए गठबंधन की बातों को परवान चढ़ा रही है। मामता की पार्टी ने भी अखिलेश का सहयोग करने के संकेत दिए हैं। ऐसे में सभी दल सीटों की डिमांड करेंगे। उनके मुताबिक सीटें न मिलने पर सपा के लिए मुसीबत भी बढ़ेगी।

सपा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि सपा के सामने अभी दो चुनौतियां हैं। एक तो अपने लोगों को मनाए रखना। दूसरी गठबंधन के लोगों की महत्वकांक्षा को ध्यान में रखना है। हालांक‍ि अभी पार्टी की ओर से कोई भी सीट शेयरिंग का फार्मूला तय नहीं किया गया है। अभी तक जो जानकारी मिली है उसके अनुसार गठबंधन को 50-60 सीटें देने की बातें सामने आयी थी। लेकिन वर्तमान में दल बढ़ते जा रहे हैं। सभी अपने-अपने लिए सीटें मांगेंगे। ऐसे में जो कार्यकर्ता पहले से तैयारी कर रहे हैं। उनका क्या होगा। अगर उनकी सीट गठबंधन को चली जाएगी तो वह बागी हो जाएंगे। अगर खुलकर बागवत न की तो भीतरघात की तो अशंका बनी ही रहेगी। ऐसे कई पेंच हैं। जिन पर अभी कुछ निर्णय नहीं हो सका है। अभी कई चुनौतियों से पार्टी का गुजरना बांकी है।

सूत्रों की मानें तो अखिलेश यादव सीट बंटवारे को लेकर गुणा-भाग कर रहे हैं। कहा जा रहा है कि समाजवादी पार्टी 403 सीटों में से करीब 355 से 360 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। बाकी सीटें गठबंधन वाले दलों को दी जाएंगे। इसके अलावा कुछ दूसरे दलों के प्रमुख चेहरों पर अखिलेश सपा के पार्टी सिंबल से ही चुनावी मैदान में उतार सकते हैं।

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