ना समझ प्राइवेट प्रबंधक/लेखाकार द्वारा नियम कानून ताक पर,संस्था को करोड़ो का नुकसान,,,।

ना समझ प्राइवेट प्रबंधक/लेखाकार द्वारा नियम कानून ताक पर,संस्था को करोड़ो का नुकसान,,,।

ना समझ प्राइवेट प्रबंधक/लेखाकार द्वारा नियम कानून ताक पर,संस्था को करोड़ो का नुकसान,,,।
रुड़की/कलियर
अनवर राणा
उत्तराखण्ड में जनपद हरिद्वार स्थित दरगाह साबिर पाक वक्फ बोर्ड को सबसे अधिक आय देने वाली संस्था है।लेकिन कलियर कार्यालय का दुर्भाग्य ही कहा जायेगा कि जिला प्रशासन द्वारा रिटायरमेंट कर्मी के द्वारा प्रबंधकीय व्यवस्था तथा वित्त सम्भालने की जिम्मेदारी देकर दरगाह के करोड़ो रूपये की वार्षिक आय पर पानी फेरा जा रहा है।क्योंकि दरगाह प्रबंधक की ठेकेदारों से मिलीभगत जगजाहिर है यही वजह है कि समय रहते दरगाह के वार्षिक ठेको की प्रकिर्या को अमली जामा नही दिया गया क्योंकि प्रबंधक पूर्व की भांति इस बार भी अपने स्टाफ की मार्फ़त ठेके चलवाकर दरगाह की आय को बंदरबांट करने में ही ज्यादा समय गुजार रहा है।चाहे दरगाह के अंदरूनी व्यवस्था में चूक हो या लंगर खाने के बिलो की हेरफरी के पूर्व में भी इल्जाम लगे हो लेकिन सरकारी संस्था से रिटायरमेंट प्रबंधक/लेखाकार दरगाह की 30000 की नोकरी छोड़ने को तो तैयार है ही नही ओर स्टाफ की मार्फ़त आगामी अचार संहिता की आड़ में दरगाह की आय को बंदरबांट करने की फिराक में लगा जो पूर्व में भी इस व्यक्ति के लेखाकार पद पर होते हुवे धन का दुरुपयोग किया गया जिसकी जांच शासन के आदेश पर आज भी ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रुड़की कार्यालय में विचाराधीन चल रही है।अब सवाल यह उतना लाजमी है कि हाइकोर्ट के आदेश पर दरगाह की देखरेख जिला प्रशासन के हाथों में होने के बावजूद प्राइवेट व्यक्ति लेखाकार/प्रबंधक का पद क्यों सम्भाल रहा है,क्या प्रशासन के पास करोड़ो की आय का लेखाजोखा रखने के लिये कोई कर्मचारी नही ,,,?

उत्तराखंड