काशीपुर का नही करा पाये विकास , कलियर को चले सँवारने, दिल्ली मॉडल व झूठे वायदों के सहारे,,,।
रुड़की
अनवर राणा
तीन सौ किलोमीटर से पलायन कर कलियर में आशियाना बनाकर समाज सुधारक का तमगा लेकर दिल्ली मॉडल के आधार पर कलियर में सुविधा मुहैया कराने के झूठे वायदों के सहारे विधायक बनने का दिन में सपना देखने वाले काशीपुर के भगोड़े ने क्या काशीपुर को सुधारने में कभी कोई भूमिका निभाई है जो कलियर को सुधारने व सँवारने की बात गली मोहल्लों में करता फिर रहा है।गौरतलब बात यह है कि जिस काशीपुर से पलायन कर यह भगोड़ा कलियर में पनाह लेने पर आमादा है अभी वो काशीपुर शहर भी पूर्ण विकास से कोसो दूर खड़ा है। कलियर में इस तरह के चन्द सिक्को की खनक वाले बहुत सारे पनाह लेकर रह रहे।यहां आकर राजनीति का सपना देख लेते है क्योंकि यहां के स्थानीय लोग भी बाहर से आने वाले हर एक व्यक्ति को सर आंखों पर रखने में कोई गुरेज नही करते।कलियर आस्था का दरबार है जो यहां आता है उसकी इज्जत करना यहां के लोग फर्ज समझते है।इसलिय यहां आने वाले लोगो को भी आस्थाओं से खिलवाड़ नही करनी चाहिये बस आस्था तक ही सीमित रहकर काम व खिदमत करनी चाहिये।ऐसे में अगर कोई व्यक्ति यहां की सेवाभाव को देखकर राजनीति का चोला पहनकर राज करने की नीयत रखता है तो यहां की जनता उसको जमीन पर पटकने में भी देर नही लगाती।ऐसे में इस काशीपुर के भगोड़े झूठे आम आदमी को भी आस्थावान ही रहना चाहिये यहां की आब हवा काशीपुर जैसी नही है यहां राजनीति के स्कूल खुले है ऐसे में भूल करने से बाज आना चाहिये।जनता के बीच झूठे वायदे व भृमित कर कोई लाभ होने वाला नही है।यहां कलियर मॉडल चलता है दिल्ली मॉडल नही।