सूफ़ी संतो ने ठीक ही कहा कि *””हुनर” होगा तो दुनिया खुद कदर करेगी,,* *एड़ियां उठाने से किरदार ऊँचे नही होते*उर्स 2022*

सूफ़ी संतो ने ठीक ही कहा कि *””हुनर” होगा तो दुनिया खुद कदर करेगी,,* *एड़ियां उठाने से किरदार ऊँचे नही होते*उर्स 2022*

वक्फ सम्पत्ति व दरगाहों पर तांत्रिक व फर्जी सूफियों का जमावड़ा कब होगा बंद,,,?

फर्जी सूफियों की श्रद्धालुओ के साथ ठग्गी का जिम्मेदार कौन,,,?

*””फ़क़ीरी आगई अब शाहों के लिबास में…..?*

*अनवर राणा:-रुड़की!*

सूफ़ी संतो ने ठीक ही कहा कि *””हुनर” होगा तो दुनिया खुद कदर करेगी,,*
*एड़ियां उठाने से किरदार ऊँचे नही होते*
कलियर दरगाह साबिर पाक परिसर व अब्दाल शाह दरगाह ,बाबा जिलानी दरगाह हो या इमाम शाह तथा किलकीली साहब की दरगाह सभी जगह पर अपनी ढपली अपना राग समझने वाले कुकुरमुत्तों की तरह उग रहे फर्जी व ढोंगी तांत्रिकों व सूफियों की जमात दरगाह की तो बेहुरमती करते ही है,साथ ही यहां मत्था टेकने वाले श्रद्धालुओं के साथ ठग्गी व लूटपाट का काम नियाज व लंगर के नाम पर मोटी रकम अपनी जेबो में भरने का काम किया जा रहा है।अब सवाल यह उठता है कि इनकी जमात में इजाफा कराने के पीछे किस दरगाह प्रबंधन के कर्मचारी व अधिकारी का हाथ है।
जी हां कहते है फकीरों की झोली में शाहों के ताज मिलते है, और फ़क़ीरी भी वो जिसके दर पर बड़े से बड़ा शहंशाह नतमस्तक हो,, लेकिन अफ़सोस ये है कि आज उस फ़क़ीरी का रँगरूप बदल चुका है, जिसमे स्वार्थ की बू आती है और एशोआराम की लालस… जबकि सूफ़ी संत का अर्थ दुनियावी मोह को त्याग कर ईश्वर अल्लाह की भक्ति (इबादत) में लीन होने का है। इसी के कारण अब बड़ी बड़ी गद्दियों पर विराजमान सूफी संतों की दुआओं में असर नही रहा। क्योंकि गद्दी पर विराजमान कथित सूफी संतों की दुनियावी मोह, एशपरस्ती, बेहतरीन सुविधाओ के साथ-साथ राजनीतिक लोगो में पहुँच का मंसूबा किसी स्व छिपा नही है। दुनियावी रीत में बढ़चढ़ का हिस्सा लेना, और आमजनमानस के बीच अपना रुतबा कायम करने अपना इस्तकबाल कराना भी सच्ची फ़क़ीरी को पलीता लगा रहा है। ब्रांडेड गाड़िया, मंहगे फोन, बेहतरीन पोशाक और आराम दायक निवास में रहने वाले ये कथित सूफ़ी आस्थावान लोगो को गुमराह कर रहे है। इनकी जीविका को देखकर कोई भी नही कह सकता कि ये फ़क़ीरी है,,

उत्तराखंड